शिकायतें बहुत है मगर किसे सुनाउ,
जिसे देखो,वही हलाक करने में है लगा
जिंदगी फंसी है जद्दोजहद में , यू न डर इस रात के अँधेरे से ,
अगर बनना है तुझे आदमी
अगर मरना है तो फिर तू जी ,
आदमी होने की बस इतनी तफतीस है
जिसे देखो,वही हलाक करने में है लगा
जिंदगी फंसी है जद्दोजहद में , यू न डर इस रात के अँधेरे से ,
अगर बनना है तुझे आदमी
अगर मरना है तो फिर तू जी ,
आदमी होने की बस इतनी तफतीस है