मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

-विवेक दत्त मथुरिया
यह देश किसका है?
उनका, आपका या फिर हम सबका
यह देश उन्हीं का है
और इसका पूरा विधान भी उनका है
व्यवस्था परिवर्तन की बात
या जनहित में उसकी आलोचना
अभिव्यक्ति नहीं, देशद्रोह है
यह गलती भगत सिंह, आजाद, बोस ने की
और यही गलती कर बैठा विनायक सेन।
राजा हो या राडिया, या फिर कल्माड़ी...
लूटना कोई अपराध नहीं
स्टेट्स सिंबल है आज
इनके लिए इंसाफ
एक दिखावा है या फिर छलावा
क्योंकि ये जन-गण-मन के अधिनायक हैं
इसलिए यद देश उन्हीं का है
हमारा और आपका नहीं।

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